बुधवार, 10 अगस्त 2011

desh ki asmita ?

"""""""बात क्या है?:::::::::::::
देशकी अस्मिता आंसू बहा रही ,
हिंदी को गायब करने के,
चल रहे षड्यंत्र
जहाँ हिंदी विज्ञापनों  से,
अपने सड़े उत्पादनों को,
वहु राष्ट्रिय महंगे दामों में ,
 कम्पनिया बेच रही
नैतिकता हो रहीनिर्मोही दंग.?

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