बुधवार, 23 मार्च 2011

murtyu

तुम क्या लोह पुरुस हो मानव, मानव/क्या तुम मुझसे जीतोगे /अहम् भरे पुतले हो तुम छान भर में तुम जीवन से छुतोगे जिद्द को किउ अपनी सन समझते?तुम न जग के कर्ताधर्ता हो?अपने को किउ सब मंब रहे?बनाने बाला भी अहंम नही करता?फिर तुम किस खेत की मुली हो? तुम क्या लेकर आये थे जग माँ क्या जग से लेकर जाओगे?तुमरे साथ कुछ भी नही जाने बाला? न आगे कोई ले जासकेगा?कल प्खेव्रू के हाथ में जीवन?पल भर में वो लोट ले जायेगा?