रविवार, 3 जुलाई 2011

aaj ke raj me?

{{{{{{{आज के राज में ?}}}}}}}
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मनजी के राज में आज भी गरीब  भूखा ही सो जाये ,
खाए नेता मंत्री व्यापारी  खीर, मालपुए ,और कोवा मौज उडाये?
नेताओं में नेतिकता दिखती नही?फिर भी भ्रष्टाचार बना शिष्टाचार,
बिगड़े मंत्री, अफसर ,नेता रोअब  जमाये,
गुंडे अपराधी संसद में देखो कई धूम -चोकड़ी  मचाएं?
नेता अपराधी ब्लैक कमांडो लिए घूमें  फिर हंस कहाँ से रह पायें ?
जन विरोधी निति बना मनमानी करते जाये? संसद के बहर गाँधी  बेठा?
भ्रष्टाचार के नित नये आयाम बनाते जाएँ?
पेटेंट कानून वैश्वीकरण नीतिअपने  को क्या फायदा दे रही?
विदेशी बैंक विदेशी इंश्योस यर कम्पनीलुट मचा रहीं ?
विदेशी कम्पनिया लुट लुट अपने देश का पैसा ले जा रहीं?
अपने देश में क्षमता नही?रेल मंत्री अभी भी कोई नही?
मुख्यमन्त्री प्रदेश की बन स्तीफा भी न दे पायें  ?
कालाधन  पे चुप्पी? भ्रष्टाचार पे चुप्पी?  जाँच आयोग सी बी आई ,
  राष्ट्र  भक्तों को परेशान कर रही?ध्यान जनता का भटकाती जाये ?
भ्रष्टों के[मंत्री ,नेता ]लिए सुबिधाये भ्रष्टाचार के लिए मुहैया कर रही?
विदेशी हर धंधे में शामिल विदेशी देश रास्ट्रीय सम्पति को लुट लुट खा रहे?
 नेता अपनी वेतन  ,वि आई पि सुबिधाये कबाड़ते रहते/
१००मरेगा योजना प्रचारित हो रही?
मजदूर २६५ दिन क्या खायेगा क्या कोई सोच पाया? 
महगाई कमर तोड़ रही?सत्ता खामोश बस दलाली खाने के प्रोग्राम तेयार कर रही?
आज भी हम आज़ादी  के सातवे दशक में चल रहे विदेशिओं पे आश्रित व्यवस्था  चला रहे?
हथियारों खरीद पे देखो तो विदेशीपे आश्रित?लड़ाकू विमानों पे तो?युद्ध पोतों पे तो?
कियु अपने देश में हर तकनीक विकसित नही  की जाती,? अरबों खरवों  दलाली हम देते  
कई राजनेता दलाली का धंधा करते?और  देशों से हम हथियार  खरीदते?कियु?महंगे दामों में?    

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