गुरुवार, 18 अगस्त 2011

ikkisvi sdi ki nari ?

#####इक्कीसवी सदी की नारी ?########
फैशन के दोर में देखो ,
फंस गई आज की नारी ,
 जिस्म नुमाईश पेशा बना ,
   हर दिन घर घर होरही,
 विश्व सुन्दरी बनने की तैयारी ,
नग्नता केआयाम बन रहे ,
 फैशन परेडों मे भीड़ है भारी ,
  कहीं चड्डी  कहीं ,कहीं च ड डेमें देह परोसें ,
 बिकनी,ब्रेजरी प्रदर्शन की मारी ,
     कोलगर्ल्स बना धंधे में  उतार दीजाती
जोजिस्म नुमाईश  में हारी,
 टीवी फिल्म संक्राति विचित्र है ,
हर प्यारी सूरत को मोर डारन बना डारी
  फूहड़ चैनलों पे नग्न धडंग उचकती फिरें ,
 देखो किस्मत की  बेचारी [मारी ]  ?
किटी पार्टीयां दिनचर्या बन गईं
    पतिको,घर वालों कोनाच नचाने की कर रहीं तैयारी ,
 स्मेक,दारू ,स्मोकिंग कीआदी हो जाती
    नई नसल  नई पीढीकियूं सारी,
हाई स्टेटस  हाईसोसायटी ,
   नारीकीफिदरत बन गई ,
  नग्न होने ,फिरें,कई कई नारी 
   निर्मोही कियूं दुविधा में जीते,
 ये तो ईक्कीसवी सदी कीहो रही तैयारी

1 टिप्पणी:

  1. बहुत ही अच्छा और सटीक लेख है नरेन्द्र जी ! आज की सामाजिक जीवन शैली को ठीक तरह से परिलक्षित कर रहा है

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