जनतंत्र ?
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नेता मेरे देश के,
दो मुंह बाले .,
दोगले ,बेईमान
जनता अच्छा समझ,
चुनचुन हो रही है हेरान ?
मुखोटे बदल जाते?
हैं तो सारे,
एक जेसे इंसान
कई कई तो ,
बिना जिताए ही
जीत जाते, नकली बोटिंग,
कराते फर्जी मतदान?
कई कई तो बूथ कैप्चरिंग के महारथी?
कई आतंकी ,नक्सली ,माओवादियों की ,
पकड़े फिर रहे कमान ?
कई कई भूमाफियाओं के लीडर?
कई माफियाओं के सरगने ?
कई गुंडों के सरदार ?
कई पैसों के बल,चला रहे
अपनी राजनीती की दुकान?
भ्रष्टाचारी हैं?अत्याचारी हैं?
हेवानियता के अबतारी हैं ?
कालाधन इनका विदेशों में
,ये राष्ट्रद्रोही राष्ट्र सम्पदा के
लुटने के जन्घय अपराधी हैं?
ये निर्मोही प्रजातंत्र ,लोकतंत्र ,
जनतंत्र के मिटते निशान ?
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