शुक्रवार, 1 जुलाई 2011

aaj ka yug ?

::::::::::::आज का युग ?::::::::::::::
जंगलों की बामी छोड़ सांप शहरों में आगये?
घर घर घुसपैठ कर रहे हर गली मोहल्ले में छा गये ?
साँपों के जहर से कहते हैं, बचता नही है  कोई ?
हर किसी को डसने का साथ में हैं लाये !
हर घर परिवार में, एक नही,
कई -कई सांप मडराते  रहते?
भाई न देखे, बहिन ना देखे,
  माँ बाप जो पैदा करते,
उन्हें भी छोड़ने को तेयार नही हैं?
सुना है सांप, कभी वामी में, सीधे नही जाता?
वो  आदत से हैं मजबूर विन वजह के काट रहे हैं?   
एक एक कर आदमी परिवार बनता था,
सब गुणित आज फेल हुए जाते?
में ,मेरी बीबी ,मेरे बच्चे मेरा परिवार ,
यही परिवार की आज रुपरेखा हुआ करती?
एसा ही हो रहा अगली पीढ़ी  एडवांस  टेक्नालोजी ला रही  है?
सरकार भी उनकी तरह आधुनिक होती ही जारही है?
कोरिलेशन-  शिप ,स्म्लेगिकता सरकार कानून बना आजमाती जा रही?
बिना शादी के बच्चा बिना पत्नी के बच्चा ?
 बच्चे भी लोग पेदा न करें ,पैदा  किये बच्चे को  एडोप  करे?
हो सकता २१वि. सदी में आगे समय में  बीबी नाम की चीज ही नहो?
नारी भी उठ खड़ी हुई बगावत के स्वर लिए?
हो सकता है आदमी औरत  में कोई फर्क ही नरहे?

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