सोमवार, 4 जुलाई 2011

insaniyat?

||||||||||||||इंसानियत?||||||||||||
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एक  इ न्सान ने इन्सान से निबाला छीना,
छीनकर कुत्ते की और को उछाल दिया?
शायद कुत्ते का पेट भरा था,
या जज्बा  शहीद होने का, दिल में जुड़ा था 
या कुत्ते के दिलमे इंसानियत जगी थी?
एक भूखा था उसके हाथ से निबला छीना  गया था?
एक भूखा न था उसे जबरन रोटी परोसी जा रही थी?
भूखा था लगता था कई दिनों का हो ,
तभी तो कुत्ते के आगे की रोटी  उठा खाने की सोची थी?
कुत्ते के दिल में मलाल आया ,टुकड़ा रोटी का उसने उठाया मुंह में दबाया? 
असहाय कमजोर जीर्ण  सीर्ण  मानव के हाथ पे रख दिया ?
 मानव के आखों से आंसू छलक पड़े?
विस्मय से आदमीके ह्रदय में घर कर लिया?
सोचने लगा क्या मानवता, इंसानियत इंसान की बपौती है?
इंसान के अंदर रहम का दरिया बहना बंद हो गया है ?
जिसे खून कहते वो जहर बन गया ? 
इंसान से ज्यादा जानवर को प्यार करता है ?
इंसान मरता है तो मर जाये?
इंसान के अंदर बहने बाला खून पानी हो गया?
निर्मोही एक जानवर  में दया जागी [इंसानियत ]जागी?
उस आदमी के आंसू यही सोच के छलके थे? 
वो बीमार था ,कई दिनों से एक  निबाला भी उसके पेट में नही गया था?
कई ताने उसने  जरुर सुने थे?शर्म नही आती भीख मांगते?
हट्टे कट्टे हो कोई मेहनत मजूरी कियु नही करते?
साब कोई भी काम करने तेयार हूँ, दीजिये?
हमने क्या ठेका ले रखा है ?दुनिया पड़ी है?
रास्ता बताओ आगे आगे चलो?
  पीने को पानी माँगा, पानी तक नही पिलाया?
यहाँ क्या प्याऊ खोल रखी है?
आजकल पानी मिलता कहाँ है ?
रात दो दो बजे कट्टी लेकर भटकना पड़ता है? ......
.निर्मोही कुत्ते के लिए दुआ निकल गई>?
भगवान तुम्हे  खुश रखे?

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