********गरीब दास का सपना *******
मंहगी,बेकारी से तंग होकर ,
गरीबदास ने जहर पान के लिया
चाहत थी देश केलिए कुछ करने की
, तमन्ना लिए, लिए ही,
जिन्दगी का खात्मा कर लिया ?
५ सालो से बी ई करने के बाद
क हाँ क हाँ की खाक उसने नोकरी के लिए नही छानी थी?
८७% लाकर भी उसकी किसीने कदर न की,
नोकरी के लिए सिफारिस,देने को २०लाख न थे ?
घर उसकी पढ़ाई में पहले ही बिक चूका था?
माँ भी बहिन पिताजी एक भाई पे भी बोझ बना हुआ था?
मोंत को गले लगाकर समझा ,
सारी समस्याओं का अंत करलिया?
मरते ही वो रोल में आगया
प्रधान मंत्री की कुर्सी पे जा बैठा
आर क्षण को हरस्तर पे खत्म कर डाला ,
योग्यता प्रतिभा ही इस देस मे
चलेंगी तुरंत अध्यादेश जारी कर डाला ?
भ्रष्ट अफसर , मंत्री, सांसद विधायक,अध्यछ
रासुका में अन्दर कर डाले, भ्रष्टों को चलता किया
रासुका मे बंद भष्टचारियों की जाँच २४घंटे में पूरी करे
और नो डी ले नो रिले दस दिन में युद्ध स्तर पे सेना से करा ,
सबको अगले दिन फांसी पे दोषियों को चढ़ा दिया ?
पेट्रोल २५ रूपए,गैस सिलेंडरों कीकीमत कम कर १०० का किया?
डाले सक्कर सब्जी सस्ती की महंगाई कगुरुर भंग किया
डीजल २०रुपिए कर डाला
कालाब्ज़रियों .जमाखोरोंको आजीवन कारावास,
कालेधन भ्रष्टाचारियों को फांसी की सज़ा का प्रावधान कर डाला
गुंडे,माफिया भू -माफिया को ऊपर पहुचाया
कलियुग में येतो होता ही है कहना खत्म किया
काली गुमनामी सम्पति को राजसत किया
गरीबों को ठहरा दिया एक परिवार एक मकान
एक परिवार सदस्य एक कमरे से ज्यादा नही
गरिबों को ठहरा दिया जनहित ,लोकहित का वट वारा
सम्पति, लगता था सतयुग आगया
क्रांति कारियों का शहीदों का सपना
गरीब दास ने एक सप्ताह में पूरा किया
गरीबदास सुख की नींद सोने लगा था
जैसे ही नींद खुली लोग घर वाले ही उसे मार रहे थे
क्या सपना था ?गरीबदास पित के भी खुश था