शुक्रवार, 24 जून 2011

mili bhagat?

सरकार करोड़ों अरबों की सबसिटी
देने का ,प्रोपगंडा करती है
फायदा पूंजी पतियों को देती 
जिसका फायदा दोनों  मिलकर  उठाते हैं ?
अरबों खरबों  डीलिंग का पैसा 
रास्ट्रीय सम्पति को दोनों मिल चुना लगाते हैं ?
जो ये, मिलकर हजम कर,
विदेशी बैंकों में जमा कराते हैं 
वोही कालाधन,जोराष्ट्र   का है ,
जनता वापिस चाहती है?इसमें भ्रष्टाचारियों को,
मिर्ची कियूं लगती है?  

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