गुरुवार, 30 जून 2011

sb shuny?

आदमी का सोभाग्य कहो या ,
दुर्भाग्य कहो,जेसा आता है,
वेसा ही चला जाता है?
खाली हाथ आना ?
खाली हाथ जाना ?
मन का धन?
कितना भी करलो?
कुछ भी साथ नही जाना 
त्रशाना  समंदर को पीना चाहती 
आकांक्षा इच्छाए कैसी  परवान चढ़ीं
सब का  सब वहाँ  ले जाना चाहतीं?
कितनी भी अमर होने की तरकीबें करलो?
मौत तो एक सच्चाई है ?
मौत नही टल सकती?
वो भी उसके इशारों पे चलती है?

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